क्यों महेंद्र सिंह धोनी के क्रिकेट हेलमेट पर भारतीय झंडे का Image नहीं बना हुआ? साधु संत और ऋषि मुनि सिर्फ हल्के पीले रंग रंग के वस्त्रों को ही क्यों धारण करते है?


 हेलो दोस्तों,

          आशा करता हूं कि आप सभी अच्छे होंगे। आपका अपने ब्लॉग पर स्वागत है, जहां आपको नई नई पोस्ट नहीं जानकारी से संबंधित मिलती है। दोस्तों में इस ब्लाक के अंदर आपके लिए बहुत ही रोचक जानकारी लेकर आता हूं।

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दोस्तों आपमें से लगभग सभी लोग क्रिकेट के तो बहुत ही दीवाने होंगे। क्योंकि क्रिकेट इतना लोकप्रिय है, कि हर कोई उसका दीवाना हो जाए।

दोस्तों आपने महेंद्र सिंह धोनी के बारे में तो सुना ही होगा , ऐसा तो शायद ही कोई होगा जो उनका नाम और उनकी लोकप्रियता को नही जानता होगा।

बहुत से लोग उनके फैन हैं। दोस्तों क्या आप उनसे जुड़ी कुछ बाते जानते हैं, जो काफी रोचक हैं।

दोस्तों आज इस पोस्ट में मैं उनसे जुड़ी एक बहुत रोचक जानकारी लेकर आया हूं,जो कि आपको काफी अच्छी लगेगी।

दोस्तों क्या अपने कभी नोटिस किया है, कि हमारी जो भारतीय क्रिकेट टीम है, उन सभी के हेलमेट पर ,जिसका उपयोग वो क्रिकेट ग्राउंड पर खेलते हुए करते हैं, इस पर एक भारतीय झंडा बना होता है।

लेकिन वो महेंद्र सिंह धोनी के हेलमेट पर नहीं है।

क्यों महेंद्र सिंह धोनी के क्रिकेट हेलमेट पर भारतीय झंडे का Image नहीं बना हुआ?


शायद आप में से कुछ बुद्धिजीवियों को तो इसका उत्तर पता होगा और अगर नही पता तो मैं आपको बता देते हूं।

तो दोस्तों महेंद्र सिंह धोनी Wicketkeeper है और मैच के दौरान कभी कभी उनको अपने हेलमेट को ग्राउंड पर भी रखना पड़ जाता है। महेंद्र सिंह धोनी का मानना है, कि भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार भारतीय ध्वज को पैरों में रखना उसका अपमान माना जाता है, इसलिए वो कभी भी अपने हेलमेट पर भारतीय झंडे को नहीं बनवाते हैं।

तो देखिए कितने अच्छे विचार हैं, महेंद्र सिंह धोनी जी के ।

तो दोस्तों आपको कैसी लगी यह जानकारी , अगर आपको पसंद आए तो हमारे पोस्ट को शेयर करें और ब्लॉग को जरूर फॉलो करें।



एक और रोचक जानकारी मैं इस पोस्ट में आपके साथ शेयर कर रहा हूँ । 


दोस्तों आपने कहीं साधुओं को देखा ही होगा, कुछ पंडित या कुछ महात्माओं को नोटिस किया हुआ कि वह हमेशा हल्के पीले कलर जैसे केसरिया रंग भी कहा जाता है।

क्या आपने कभी सोचा है की 

साधु संत और ऋषि मुनि सिर्फ हल्के पीले रंग रंग के वस्त्रों को ही क्यों धारण करते है?




तो दोस्तों इसका भी कई आध्यात्मिक कारण हैं, जैसे यह रंग सूर्योदय और सूर्यास्त के समय आसमान में होता है।

इस रंग को काफी शांत स्वभाव का माना जाता  ऐसा माना जाता है, कि इस रंग को धारण करने से Mantally and Physically मिलती है। शरीर में जो चक्र होते हैं, उनके जो दूसरे नंबर का चक्र होता है , जिसे Swadhisthan Chakra कहा जाता है वह भी इसी रंग का होता है।

इसलिए लगभग सभी ऋषि मुनि या साधु संत इस रंग का ही वस्त्र को धारण करते हैं।

दोस्तों आपको दी गई जानकारी कैसी लगी । कमेंट वॉक्स में आप अपने सुझाव दीजिए।

ज्यादा से ज्यादा शेयर करे हमारे पोस्ट को।

धन्यवाद।

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